नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आर्मी से DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नेवी से वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयरफोर्स से एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जानकारी दी।
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एयर मार्शल भारती ने कहा, भय बिनु होय ना प्रीत। हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री के साथ नहीं है। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया, तो हमने उसका जवाब दिया। नुकसान के लिए वही जिम्मेदार हैं।
एयर मार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की चौपाई पढ़ते हुए कहा, ‘विनय ना मानत जलधा गए तीन दिन बीती। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति…’।
भारती ने कहा, बाकी समझदार के लिए इशारा काफी है। तुर्किश ड्रोन हों या कहीं के भी ड्रोन हों, हमने दिखा दिया है कि किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी का सामना करने के लिए हम तैयार हैं।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, जैसा मैंने कल कहा था कि कितने जहाज थे, किस तरह की लड़ाई थी। ये तकनीकी डिटेल्स के सवाल हैं। हम जितना एक्सप्लेन करना था हम कर चुके हैं। इस लड़ाई को इस स्वरूप में होना था। अगली लड़ाई अलग तरह से लड़ी जाएगी। हर लड़ाई एक तरह से नहीं होगी। हमें बस उनसे आगे रहना है। यह अलग तरह की लड़ाई थी। कई और तरह की लड़ाई सामने आएगी और हम तैयार हैं।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के साथ थी, 7 मई को हमने सिर्फ आतंकवादियों पर हमला किया। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया और हमें जवाब देना पड़ा। उन्हें जो नुकसान हुआ उसके लिए पाकिस्तानी सेना जिम्मेदार है।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा, यह स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि सभी मिलिट्री बेस, सिस्टम ऑपरेशनल हैं और नए मिशन के लिए तैयार हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, आज मैं इस युद्द के अहम पहलू के बारे में बता रहा हूं। हमें एयर डिफेंस ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई को समझने की आवश्यकता है। मैंने कल बताया था कि पिछले कुछ सालों में आतंक की गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, इंटरनेशनल बाउंड्री से रडार, एयर डिफेंस सिस्टम, विटेंज एयर डिफेंस सिस्टम और मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम की लेयर थी। इसे पारकर हमारी एयरफील्ड को अटैक करना उनके लिए मुश्किल था।
ये चित्र एक घटना की याद दिलाता है। 70 के दशक में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज चल रहा था। 2 तेज गेंदबाज जेफ थॉमसन और डेनिस लिली ने अंग्रेजी बैट्समैन को तहस-नहस कर दिया। ऑस्ट्रेलियंस ने उस समय एक कहावत निकाली थी। ऐशेज टू एशेज एंड डस्ट टू डस्ट। आज क्रिकेट की भी बात जरूरी है। विराट कोहली ने संन्यास लिया है, वे मेरे भी फेवरेट क्रिकेटर हैं।
हमारी फोटो में दिखाई गई इस लेयर को पार कर भी गए तो हमारी एयरफील्ड को हिट करने से पहले कोई ना कोई सिस्टम उन्हें गिरा देगा। हमारी एयर डिफेंस शील्ड हर वक्त एक्टिव है।
बीएसएफ की भी सराहना करूंगा। उनके डायरेक्टर जनरल से लेकर पोस्ट पर पहरा देने वाले जवान बढचढ़कर शामिल हुए और हमें हेल्प किया। हमारी मल्टी टियर्ड ग्रुप का वे भी हिस्सा थे।
आपने सुना होगा, जब हौसले बुलंद हों तो मंजिलें कदम चूमती हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाएं मिलकर काम कर रही थीं। हमारे 140 करोड़ भारतीय हमारे पीछे खड़े थे। इसके लिए हम आपको सैल्यूट करते हैं।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया, नौसेना सर्विलांस, डिटेक्शन में लगी हुई थी। हमने मल्टीपल सेंसर्स और इनपुट्स दिए। हमने उन खतरों को पहचाना, जिन्हें तुरंत न्यूट्रिलाइज्ड किया जाना था। ड्रोन, हाईस्पीड मिसाइल और एयरक्राफ्ट की जानकारी दी गई, ये एडवांस राडार के जरिए दी गई। हमारे पायलट रात और दिन में ऑपरेट करने के लिए तैयार थे। हमारे एयरक्राफ्ट कैरियर में मिग-29 एक्शन के लिए तैयार थे। संदिग्ध दुश्मन जहाज को कई सौ किमी. पास आने का मौका हमने पास के सालों में नहीं दिया है।