आईटीआर फाइलिंग का सीजन चालू है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. इस डेट के बाद आयकरदाताओं को एक ऑनलाइन एक लेटर आना शुरू हो जाता है. इसे देखकर कई आयकरदाता घबरा जाते हैं. यह लेटर आयकर अधिनियम की धारा 143(1) के तहत आयकरदाताओं को भेजा जाता है.
यह कोई ऐसा नोटिस नहीं होता है जिसकी वजह से डरा जाए. टैक्स मामलों के जानकार बलवंत जैन बताते हैं कि यह आयकर विभाग की एक रूटीन प्रक्रिया है. आप जब आईटीआर फाइल करते हैं तो विभाग इन जानकारियों का अपने रिकॉर्ड से मिलान करता है. इसके बाद आपको इंटीमेशन लेटर भेजा जाता है. इसमें सभी जानकारियों के साथ विभाग के पास मौजूद रिकॉर्ड से मिलान की गई जानकारी भी शामिल रहती है. अगर कोई जानकारी मैच नहीं होती तो इसकी भी जानकारी आपको इस लेटर में मिल जाती है.
लेटर में क्या-क्या होता है?
इस लेटर में कई सेक्शन होते हैं जिसमें अलग-अलग जानकारियां दी गई होती हैं. आइए एक-एक कर इन्हें जानते हैं.
आयकरदाता की डिटेल्स- इस सेक्शन में आपकी बेसिक जानकारी मौजूद होती है. उदाहरण के लिए नाम, पैन नंबर और असेसमेंट ईयर.
आईटीआर फाइलिंग डिटेल्स- इसमें आपका एकनॉलेजमेंट नंबर, फाइलिंग डेट और आपने कौन सा आईटीआर फॉर्म चुना है. इसके बारे में बताया गया होता है.
इनकम डिटेल- इसमें आपकी हर तरह की इनकम की जानकारी होती है.
टैक्स कैलकुलेशन- इसमें आपका द्वारा कैलकुलेट की गई टैक्स की देनदारी और विभाग द्वारा कैलकुलेट की गई टैक्स देनदारी दी गई होती है.
डिमांड और रिफंड- इस सेक्शन में किसी खास टैक्स डिमांड के बारे में बताया जाता है. साथ ही अगर विभाग को आपको कोई रिफंड देना है तो उसकी जानकारी भी यहीं होती है.
प्रोसेसिंग कोड- इसमें तीन अलग तरह के कोड होते हैं जिनका मतलब भिन्न-भिन्न होता है. जैसे 143 का मतलब है कि बिना किसी बदलाव के इंटीमेशन लेटर भेजा गया है. 143(1)(a) का मतलब है कि आपको अतिरिक्त टैक्स देना है. 143(1)(b) का मतलब है कि विभाग आपको रिफंड देगा.