लोन की जरूरत होती है और बैंक के चक्कर काटने का समय नहीं होता. तो, कुछ लोगों का सिबिल स्कोर इतना कम होता है कि बैंक उन्हें पर्सनल लोन जैसे जोखिम वाले कर्ज देने से कोताही बरतते हैं. ऐसे ग्राहकों को हम लोन लेने का सरल और किफायती तरीका बता रहे हैं. इसमें न तो आपको अच्छे सिबिल स्कोर की जरूरत है और न ही बैंक जाकर चक्कर काटने की. इतना ही नहीं ब्याज पर भी इस पर आपको बैंकों से कम ही देना पड़ेगा. ऊपर से घर बैठे ही एक फॉर्म यानी लोन का आवेदन देना होगा पैसा आपके खाते में.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं डीमैट अकाउंट (Demat Account) से लोन लेने की. आजकल शेयर बाजार तो ज्यादातर युवा निवेश करते हैं. सेबी का आंकड़ा भी कहता है कि देश में 11 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोले जा चुके हैं. जाहिर है कि आपके पास भी अपना डीमैट अकाउंट होगा और उसमें शेयर, सिक्योरिटीज, बॉन्ड और ईटीएफ जैसे विकल्पों में निवेश भी किया होगा. इसमें से भी किसी भी निवेश विकल्प के एवज में आप जब चाहे लोन ले सकते हैं. मान लीजिए आपको अपने शेयरों के बदले में लोन चाहिए तो आसानी से पैसा आपके खाते में आ जाएगा और शेयरों को बेचने की भी जरूरत नहीं होगी. इससे आगे आपके शेयर चढ़ने पर जो मुनाफा होने वाला है, वह भी बरकरार रहेगा.
आसानी से मिलेगा लोन
आपका डीमैट अकाउंट किसी न किसी बैंक से लिंक होकर खोला जाता है. जब आप शेयरों के बदले में लोन लेने का आवेदन देते हैं तो बैंक आपके शेयरों को कोलैटरल के रूप में लेता है और उसके एवज में आपको पैसे देता है. चूंकि, यह सारा काम एक ही बैंक या वित्तीय संस्थान के जरिये किया जाता है. लिहाजा इसका प्रोसेस काफी आसान हो जाता और पैसा जल्दी आपके खाते में आ जाता है.
सभी फायदे मिलते रहेंगे
जब आप शेयरों के बदले में लोन लेते हैं तो आपके डीमैट अकाउंट में शेयर आपके अधिकार में ही मौजूद रहते हैं, भले ही आपने उस पर लोन ले लिया हो. इसका शेयर पर मिलने वाले अन्य फायदे जैसे डिविडेंड, बोनस और राइट आपको मिलते रहेंगे. इसका एक फायदा ये भी है कि समय के साथ आपके शेयर की कीमत बढ़ी तो आप बाद में बढ़ी कीमत पर बेचकर लोन का पैसा वहां से भी चुका सकते हैं.
लोन के लिए क्या योग्यता जरूरी
डीमैट शेयर के बदले लोन लेने के लिए आपकी उम्र 18 साल से अधिक या 65 साल से कम होनी चाहिए. केवल उन्हीं शेयरों को गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है, जो किसी व्यक्तिगत नाम पर हों. नाबालिग, हिंदू अविभाज्य फैमिली (HUF), अनिवासीय भारतीय (NRI) और कॉरपोरेशन के नाम पर शेयरों को गिरवी नहीं रखा जा सकता है. इसके लिए कुछ डॉक्यूमेंट जैसे आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, इनकम प्रूफ और बैंक स्टेटमेंट की जरूरत होती है.