रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नियमों में बदलाव किया गया है. अब हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए डेवलपर्स को 3 बैंक अकाउंट खोलने पड़ेंगे. ये तीनों की बैंक अकाउंट एक ही बैंक में होंगे. इससे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता आएगी. महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने यह प्रस्ताव दिया है. महारेरा के अनुसार, नए नियम से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की क्षमता, नियमों का पालन और ऑडिट आसान हो जाएगा. इसके अलावा रेवेन्यू, ब्याज दरें, रिफंड और कैंसिलेशन प्रक्रिया भी तेज और आसान हो जाएगी.
तीन अकाउंट में रखना होगा प्रोजेक्ट का पैसा
महारेरा (MahaRERA) के अनुसार, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में ग्राहकों को और ज्यादा सुविधाएं देने के मकसद में यह बदलाव किए जा रहे हैं. हर रियल एस्टेट डेवलपर को एक प्रोजेक्ट के लिए 3 अकाउंट एक ही बैंक में खोलने होंगे. इनमें से एक कलेक्शन अकाउंट, दूसरा सेपरेट अकाउंट और तीसरा ट्रांजेक्शन अकाउंट होगा. कलेक्शन अकाउंट में वह पैसा आएगा, जो ग्राहक देंगे. इसके अलावा इसमें टैक्स और ड्यूटी से संबंधित पैसा भी रखा जाएगा. सेपरेट अकाउंट में प्रोजेक्ट का 70 फीसदी रेवेन्यू कलेक्शन अकाउंट से भेजा जाएगा. इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ जमीन एवं कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में किया जा सकेगा. ट्रांजेक्शन अकाउंट में कलेक्शन अकाउंट में आया 30 फीसदी पैसा रखा जाएगा. इस अकाउंट के पैसे का प्रयोग लैंड और कंस्ट्रक्शन कॉस्ट के अलावा होने वाले खर्च में किया जाएगा. बुकिंग कैंसिल होने या जुर्माना लगने पर इसी अकाउंट से पैसा दिया जाएगा.
15 अप्रैल तक दे सकते हैं सुझाव
रियल एस्टेट रेगुलेटर महारेरा ने इन बदलावों के संबंध में डिस्कशन पेपर जारी किया है. इस पर सभी स्टेकहोल्डर्स से 15 अप्रैल तक सुझाव मांगे गए हैं. महारेरा के चेयरमैन अजॉय मेहता ने बताया कि हम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा करवाना चाहते हैं. साथ ही पारदर्शिता और जबावदेही भी सुनिश्चित करना चाहते हैं. कलेक्शन अकाउंट, सेपरेट अकाउंट और ट्रांजेक्शन अकाउंट फंड के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित कर देंगे. सभी सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.