अगर आपको भी अपने बिजली और पानी समेत जरूरी बिल क्रेडिट कार्ड से भरने की आदत पड़ चुकी है तो एक बार फिर से सोचने की जरूरत पड़ेगी. एक मई से क्रेडिट जारी करने वाले बैंक बिल भरने वालों से 1 फीसदी शुल्क लेने लगेंगे. ऐसे में आपको क्रेडिट कार्ड से बिल भरने की आदत महंगी पड़ने वाली है. इस शुल्क का ऐलान करने वालों में सबसे पहले यस बैंक (Yes Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC FIRST Bank) शामिल हैं.
यस बैंक और आईडीएफसी ने बढ़ाया चार्ज
यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने जानकारी दी है कि वह एक मई से यूटिलिटी बिल पेमेंट पर 1 फीसदी चार्ज लेंगे. इसके चलते अगर आप 2000 रुपये का बिजली बिल क्रेडिट कार्ड से भरेंगे तो आपको 20 रुपये अतिरिक्त देने पड़ेंगे. हालांकि, इन बैंकों ने कस्टमर्स को फिलहाल थोड़ी राहत भी दी है. यस बैंक ने यूटिलिटी बिल पर 15000 रुपये और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने 20000 रुपये तक फ्री यूसेज लिमिट भी दी है. इसके चलते आप यस बैंक से 15 हजार रुपये तक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से 20 हजार रुपये तक यूटिलिटी बिल का बिना कोई शुल्क दिए पेमेंट कर पाएंगे. इससे ऊपर पेमेंट करने पर 1 फीसदी चार्ज के साथ ही 18 फीसदी जीएसटी भी देनी होगी.
क्यों किया गया यह बदलाव
बैंकों द्वारा दो प्रमुख कारणों से यह चार्ज लगाने का फैसला किया है. पहला यूटिलिटी बिल पर लगने वाला कम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) है. एमडीआर हर क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज है. यूटिलिटी बिल पर यह चार्ज सबसे कम है. इसलिए बैंक को क्रेडिट कार्ड से बिजली-पानी जैसे बिल पेमेंट होने पर कम पैसा मिलता है. दूसरा बैंकों को जानकारी लगी थी कि कुछ कारोबारी अपने पर्सनल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बिजनेस से जुड़े यूटिलिटी बिल पे करने में कर रहे थे.
कस्टमर्स पर क्या होगा असर
यह फीस लगने के बाद यूटिलिटी बिल का पेमेंट करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा. अगर आप फिर भी क्रेडिट कार्ड से बिल पेमेंट करना चाहते हैं तो कई बैंक फीस माफ करने के ऑफर दे सकते हैं. इसके अलावा आप यूपीआई, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से भी यूटिलिटी बिल पेमेंट कर सकते हैं. इन तरीकों से पेमेंट करने पर आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है.