भारत सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए इसके निर्यात पर पाबंदियों को बरकरार रखा है. सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी पूरी तरह से रोक को भले ही हटा दिया है, लेकिन फिर से भारी-भरकम निर्यात शुल्क लगाने का फैसला लिया गया है.
निर्यात पर लगेगा इतना शुल्क
एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को बताया गया कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी का निर्यात शुल्क लगाने का फैसला लिया है. सरकार ने सबसे पहले पिछले साल अगस्त में प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया गया था. सरकार ने पिछले साल घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें बेतहाशा बढ़ जाने के बाद यह फैसला लिया था.
पिछले साल लगी थी ड्यूटी
सबसे पहले एक्सपोर्ट ड्यूटी को 31 दिसंबर 2023 तक के लिए लगाया गया था. हालांकि उसके बाद भी घरेलू बाजार में आपूर्ति में अपेक्षित सुधार नहीं होने के बाद सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से लगी रोक में इधर कुछ समय से धीरे-धीरे छूट देने की शुरुआत की जा रही थी.
इन देशों के लिए दी गई छूट
भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक के बीच कुछ पड़ोसी देशों को इसकी खेप भेजने की हाल ही में मंजूरी दी थी. केंद्र सरकार ने पिछले महीने बताया था कि छह देशों को करीब 1 लाख टन प्याज की खेप भेजे जाने की मंजूरी दी गई है. जिन छह देशों को प्याज का निर्यात करने की मंजूरी दी है, उनमें बांग्लादेश, संयुक्त आरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका शामिल हैं. इन सभी 6 पड़ोसी देशों को मिलाकर 99 हजार 150 टन प्याज का निर्यात किया जाएगा.
आज से लागू हुए बदलाव
प्याज के साथ-साथ कुछ अन्य एग्री कमॉडिटीज के मामले में भी सरकार ने व्यापार को लेकर नीतियों में कुछ बदलाव किया है. सरकार ने देसी चना को 31 दिसंबर 2025 तक के लिए आयात शुल्क से छूट प्रदान किया है. इसी तरह पीली मटर पर इम्पोर्ट ड्यूटी की छूट को 31 अक्टूबर 2024 तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया गया है. बयान में कहा गया है कि ये सारे बदलाव 4 मई यानी आज से प्रभावी हो गए हैं.