सिविल एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने एयरलाइन्स के लिए नई गाइडलाइन निकाली हैं. इन नए नियमों के चलते फ्लाइट टिकट जल्द सस्ते हो सकते हैं. डीजीसीए को जानकारी मिली थी कि कई बार पैसेंजर उन सेवाओं का भी भुगतान कर रहे हैं, जिनका वह इस्तेमाल ही नहीं करते हैं. इन सेवाओं की कई पैसेंजर को जरूरत भी नहीं पड़ती है. इसलिए डीजीसीए ने नियमों में बदलाव किए हैं. अब पैसेंजर को सिर्फ उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करना होगा, जिनका वह इस्तेमाल करना चाहते हैं.
यात्रियों को सेवाएं चुनने की मिलेगी आजादी
डीजीसीए ने 23 अप्रैल को जारी सर्कुलर में सभी एयरलाइन्स को निर्देश दिए हैं कि वह यात्रियों को सेवाएं चुनने (Opt-out or Opt-in) की आजादी दें. इससे फ्लाइट टिकट के बेस फेयर में कमी आएगी और किराया सस्ता हो सकेगा. साथ ही यात्री तय कर सकेंगे कि उन्हें कौन सी सुविधा चाहिए और कौन सी नहीं. दरअसल, यात्री किराए में एयरलाइन्स कई सेवाओं का शुल्क जोड़ लेती हैं. ऐसे में बेस फेयर और अंतिम शुल्क में बड़ा अंतर आ जाता है. डीजीसीए को इस संबंध में कई फीडबैक मिले थे. इन पर गौर करने के बाद सर्विसेज को चुनने की आजादी कस्टमर को दी गई है ताकि वह सिर्फ उन्हीं चीजों का पैसा चुकाएं, जो उसे चाहिए हैं.
पैसेंजर्स पर लगने वाला चार्ज स्पष्ट बताना होगा
डीजीसीए सर्कुलर के अनुसार, अब एयरलाइन्स को सीट चुनने, स्नैक्स/ड्रिंक्स चार्ज (पानी निःशुल्क रहेगा), चेक इन बैगेज चार्ज, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट चार्ज, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट चार्ज, कीमती सामान की फीस को अनबंडल करना होगा. एयरलाइन फ्री बैगेज अलाउंस दे सकेंगी. सामान के साथ आने वाले पैसेंजर्स पर लगने वाला चार्ज स्पष्ट बताना होगा. साथ ही यह फीस टिकट पर भी प्रिंट करनी पड़ेगी. अनबंडल की गई सर्विसेज की भी स्पष्ट जानकारी देनी पड़ेगी.
सभी सर्विस के चार्ज फिक्स होंगे
सर्कुलर में कहा गया है कि पैसेंजर को सारी जानकारी स्पष्ट रूप से देनी होगी ताकि वह अपने हिसाब से सुविधाओं का चुनाव कर सकें. किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं बननी चाहिए ताकि गलती से भी पैसेंजर को अतिरिक्त शुल्क न देना पड़े. उन्हें पता होना चाहिए कि किस सुविधा का उन्हें कितना भुगतान करना पड़ेगा. इन सभी सर्विस के चार्ज फिक्स होंगे.