भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने मई 2024 के लिए जारी अपने मंथली बुलेटिन में कहा है कि लोग इस बात को लेकर आश्वस्त हो रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्ठा टेक ऑफ करने वाला है जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. बुलेटिन के मुताबिक हाल ही में जारी आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं डिमांड में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है. ग्रामीण इलाकों में नॉन-फूड आईटम्स पर खर्च बढ़ रहा है जो कि बात के संकेत दे रहा है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के खर्च करने की प्रवृति में सुधार हो रहा है. साथ ही अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई में कमी के बाद इस बात को बल मिल रहा है कि ये धीर-धीरे ये अपने टारगेट की ओर बढ़ रहा है.
आरबीआई बुलेटिन में स्टेट ऑफ इकोनॉमी को लेकर लिखे लेख में कहा गया है कि वैश्विक भू-राजनीतिक संकटों के चलते सप्लाई-चेन दवाबों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने इससे जुझते हुए जोरदार तेजी दिखाई है. इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स के मुताबिक आर्थिक गतिविधि में आई तेजी के चलते 2024-25 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि अप्रैल 2024 में घरेलू डिमांड की रफ्तार में सुधार हुआ है. अप्रैल महीने में E-Way बिलों में साल दर साल 14.5 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिला है. टोल कलेक्शन अप्रैल महीने में बीते साल के अप्रैल महीने के मुकाबले 8.6 फीसदी बढ़ा है. ऑटोमोबाइल सेल्स ने अप्रैल 2024 में बीते साल के मुकाबले 25.4 फीसदी का ग्रोथ दर्ज किया है जिसका श्रेय टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स सेल्स में मजबूत ग्रोथ को जाता है. अप्रैल महीने में पैसेंजर व्हीकल सेल्स सबसे ज्यादा रही है. गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है तो पेट्रोलियम पदाथों की सेल्स अप्रैल 2024 में 6.1 फीसदी बढ़ी है.
आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई दर 4.8 फीसदी रही है जो मार्च 2024 में 4.9 फीसदी रही थी. हालांकि खाद्य महंगाई दर 7.9 फीसदी रही है जो मार्च में 7.7 फीसदी थी. अनाज, मीट, मछली, अंडे, दूध, सब्जियां, दाल, चीनी, मसाले की महंगाई बढ़ी है. आरबीआई हर महीने बुलेटिन जारी करता है जिसमें लेखकों के विचार होते हैं और ये आरबीआई की अपनी राय नहीं होती है.