मूडीज (Moodys’s) और फिच (Fitch) के बाद एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Gloabal Ratings) भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुलिश है. एस एंड पी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 6.8 फीसदी कर दिया है. एस एंड पी ग्लोबल का ये आंकलन फिच के 7 फीसदी से कम है लेकिन मूडीज के 6.8 फीसदी के अनुमान के बराबर ही है. ये सरकार और सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी के अनुमान से भी कम है. एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
एस एंड पी ने जहां भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमान में वृद्धि की है, वहीं चीन की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 में 5.2 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 4.6 फीसदी होने की संभावना जताई है. एसएंडपी का कहना है कि उसका यह पूर्वानुमान प्रॉपर्टी में लगातार कमजोरी और मॉडेस्ट मैक्रो पॉलिसी सपोर्ट जैसे फैक्टर्स के चलते है. अगर खपत कमजोर रहती है तो डिफ्लेशन एक जोखिम बना रहता है और सरकार मैन्युफैक्चरिंग इन्वेस्टमेंट को और अधिक प्रोत्साहित करके प्रतिक्रिया देती है.
महंगाई से मांग पर असर
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट लुइस क्यूज्स (Louis Kuijs) ने कहा एशिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम में तेज आर्थिक विकास देखने को मिलेगी. एस एंड पी के मुताबिक घरेलू डिमांड पर निर्भर रहने वाली अर्थव्यवस्थाएं जिसमें भारत, जापान और ऑस्ट्रालिया शामिल है, वहां उच्च ब्याज दरों और महंगाई ने परिवारों के खर्च पर असर डाला है जिससे 2023-24 की दूसरी छमाही में आर्थिक विकास के ग्रोथ की रफ्तार कम हुई है.