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सोशल मीडिया बैन पर नेपाल में मचा बवाल, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने की फायरिंग, 9 की मौत

काठमांडू। नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को राजधानी काठमांडू में संसद भवन पर धावा बोल दिया। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी नेपाल के संसद भवन में घुस गए। इनको तितर-बितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक गोली लगने से 9 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। इसके अलावा 80 से ज्यादा युवा घायल भी हुए हैं।

इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की थी। नेपाल पुलिस के मुताबिक, 12 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मौजूद हैं। इन्होंने संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया है। संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम आवास के पास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है।

काठमांडू में बवाल और Zen Z कहे जा रहे प्रदर्शनकारियों के संसद भवन पर धावा बोलने के बाद नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा है कि वो सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं हैं। केपी शर्मा ओली ने साथ ही कहा है कि राष्ट्र की अस्मिता से बढ़कर कुछ नहीं है।

कुल मिलाकर पीएम ओली ने साफ संदेश दिया है कि उनकी सरकार विरोध प्रदर्शनों के सामने नहीं झुकेगी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अगर नियमों को मानेंगे, तभी उनको नेपाल में चलने दिया जाएगा। खास बात है कि नेपाल में जेन जेड यानी युवाओं की संख्या करीब 70-80 लाख है। इसकी वजह से ये नेपाली समाज का बड़ा वर्ग है।

नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है। इसके लिए ओली सरकार ने 28 अगस्त से 7 दिन का वक्त दिया था। बीते बुधवार ये समयसीमा खत्म होने के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, यूट्यूब, एक्स, रेडिट, लिंक्डइन को सरकार ने बैन कर दिया।

नेपाल सरकार का आरोप है कि सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी से यूजर्स हैं। ऐसे यूजर्स इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए नफरत और अफवाहें फैलाते हैं। साथ ही ओली सरकार ने ये आरोप भी लगाया कि फर्जी यूजरनेम वाले सोशल मीडिया के जरिए साइबर क्राइम कर रहे हैं। इससे समाज में अशांति और असामाजिक गतिविधियां बढ़ने पर सोशल मीडिया कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया गया था।