नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें, विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामा किया और इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वहीं, सरकार का दावा है कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा और सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सवाल यह है कि रक्षा मंत्री को सदन में बोलने की इजाजत है, उनके लोगों को बोलने की इजाजत है, लेकिन अगर विपक्ष का कोई व्यक्ति कुछ कहना चाहता है, तो उसे इजाजत नहीं दी जाती। मैं विपक्ष का नेता हूं, यह मेरा अधिकार है। मुझे कभी बोलने नहीं दिया जाता।
उन्होंने कहा कि यह नया तरीका है। नियम कहता है कि अगर सरकार के लोग कुछ कहते हैं, तो हमें भी जगह मिलनी चाहिए। हम कुछ शब्द कहना चाहते थे, लेकिन विपक्ष को ऐसा नहीं करने दिया गया। प्रियंका गांधी ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि ‘विपक्ष का नेता होने के नाते उन्हें बोलने का अधिकार दिया जाना चाहिए था।
वहीँ, पार्लियामेंट में सत्ता पक्ष की ओर से जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है। देश की जनता ने सेना का पराक्रम देखा है। हम सदन चलाना चाहते हैं, सरकार चर्चा चाहती है, लेकिन आप नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बोलना नहीं चाहते, बल्कि हंगामा खड़ा करना चाहते हैं और अपने सभी सांसदों को मोबाइल पर संदेश भेज रहे हैं। अगर वह बोलना चाहते, तो मैं उन्हें मौका देती, लेकिन वह बस बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सदन में स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।