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शुभांशु शुक्ला की ISS से सफल वापसी पर बोले पीएम मोदी- मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर

नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ये 18 दिन की यात्रा थी। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के सकुशल धरती पर लौटने पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौटे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।’

वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यात्रा के बाद धरती पर स्वागत है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन में उनकी भूमिका ने भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। इस मिशन से जुड़े लोगों को मेरी बधाई।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन का मिशन पूरा करने के बाद धरती पर सुरक्षित लौटे हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत, वह और उनके तीन सहयोगी कमांडर पैगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’ में सवार होकर कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन के जरिए उतरे हैं।

22.5 घंटे की यात्रा के दौरान यान ने 27,000 किमी/घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, जहां तापमान 1,600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। लैंडिंग के बाद सभी अंतरिक्ष यात्रियों को मेडिकल जांच और सात दिन के पुनर्वास (रिहैबिलिटेशन) के लिए ले जाया गया, ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फिर से ढल सकें।