इंदौर। विवाह एक शुभ और आनंदमय अवसर होता है, जिसे यादगार बनाने के लिए लोग विभिन्न तरीकों से अपनी खुशियों को अभिव्यक्त करते हैं। इंदौर के निवासी हिमांशु मालवीय और उनकी जीवनसंगिनी ने अपने विवाह को विशेष बनाने के लिए एक ऐसा अनूठा कदम उठाया, जिसने पर्यावरण प्रेमियों को प्रेरित किया।
इस नवदंपत्ति ने अपनी शादी को पूरी तरह प्रकृति को समर्पित किया। यह विचार उन्हें इंदौर में किए गए वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड से आया, और उन्होंने अपनी वैवाहिक रस्मों को एक पेड़ माँ के नाम समर्पित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। शादी में आने वाले मेहमानों को 2100 पेड़ वितरित किए गए, जिससे हर अतिथि भी इस अभियान का हिस्सा बना।
विवाह के निमंत्रण पत्र को भी अनूठे ढंग से डिजाइन किया गया—जिसमें वृक्षों के चित्र उकेरे गए थे। मेंहदी रस्म में दूल्हा- दुल्हन के हाथों पर वृक्षों और लताओं की आकृतियां उकेरी गईं। सबसे विशेष बात यह रही कि फेरों के दौरान सात पारंपरिक वचनों के साथ एक अतिरिक्त आठवां वचन भी लिया गया—जो प्रकृति के संरक्षण को समर्पित था।
इस अनोखे विवाह आयोजन ने इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष चर्चा बटोरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रकृति प्रेम से प्रेरित होकर इस नवदंपत्ति ने पर्यावरण-संरक्षण का संदेश अपने विवाह के माध्यम से दिया। उनके इस प्रयास को समाज में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, और यह भविष्य में अन्य लोगों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की प्रेरणा देगा।
इस तरह का कदम समाज में एक मिसाल पेश करता है और यह बताता है कि व्यक्तिगत खुशी को पर्यावरण के कल्याण से जोड़ा जा सकता है। ऐसे प्रयासों से न केवल प्रकृति की सुरक्षा संभव है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी एक हरित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है।