विकसित भारत के लिए कौशल विकास, वित्तीय समावेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने की है आवश्यकता – श्री गौतम टेटवाल
भोपाल। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में सार्थक पहल करते हुए ‘4th समर्थ भारत कॉन्क्लेव 2025’ का दूसरा दिन वित्तीय समावेशन और सामाजिक उद्यमिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समर्पित रहा। भोपाल में आयोजित इस आयोजन में देशभर के नीति-निर्माता, बैंकिंग विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। इसके उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि मप्र शासन के कौशल विकास और रोजगार राज्य मंत्री श्री गौतम टेटवाल रहे। इस दौरान मंच पर अन्य अतिथियों में नाबार्ड में सीजीएम श्रीमति सी. सरस्वति, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) एलएचओ (NW-3) में जनरल मैनेजर मनोज कुमार, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- जोनल ऑफिस में जनरल मैनेजर तरसेम सिंह जीरा, एसबीआई में डीजीएम विमल कुमार खाब्या, एसबीआई एलएचओ डीजीएम जीतेन्द्र कुमार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में डीजीएम हिमांशु व्यास, आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे, आईसेक्ट – एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट डायरेक्टर अनुराग गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
मंत्री गौतम टैटवाल जी ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में आईसेक्ट बेहद महत्वपूर्ण तरीके से अपना योगदान दे रहा है। विकसित भारत का अर्थ है कि हर नागरिक को सशक्त बनाना, सभी को मुख्यधारा से जोड़ना। उन्होंने 3 प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया जो विकसित भारत के लिये बहुत जरूरी हैं। ये हैं — कौशल विकास, वित्तीय समावेशन, सामाजिक उद्यमिता। आज जरूरत ऐसे युवाओं की है जो अवसर पाने वाले नहीं बल्कि अवसर देने वाले बनें।
इस अवसर पर श्री संतोष चौबे ने कहा कि आज आईसेक्ट 60 हजार से ज्यादा केन्द्रों का संचालन कर रहा है। आईसेक्ट 65 से ज्यादा देशों में अपनी नेटवर्किंग कर चुका है। आईसेक्ट ने ही पहला फाइनेंशियल कियोस्क सेंटर खोला था जिसकी संख्या बढ़कर आज लगभग 8000 पहुंच चुकी है। आईसेक्ट के पास अब 10 हजार कियोस्क सेंटर खोलने और 100 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने की दिशा में वह तेजी से अग्रसर है।
इस अवसर पर सिद्धार्थ चतुर्वेदी सर ने कहा कि आईसेक्ट फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ाने को कार्य बेहद लंबे समय से करते हुये आ रहा है। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी फाइनेंशियल इन्क्लूजन से संबंधित केन्द्रों की बैठकों देशभर में 20 से ज्यादों स्थानों पर आयोजित होने वाली है। उन्होंने आईसेक्ट का परिचय देते हुए कहा कि इस वर्ष आईसेक्ट 2000 से ज्यादा महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें विविध सेवायें उपलब्ध कराने का कार्य करेगा।
दोपहर के सत्रों में नॉलेज सेशन खास रहे जिसमें उद्यमियों के लिए “वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में अवसर”, “वित्तीय समावेशन एवं G2C एवं B2C सेवाओं में अवसर” इत्यादि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई।
विविध रिपोर्ट्स एवं न्यूजलेटर्स का विमोचन
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विभिन्न पुस्तकों एवं बुकलेट्स का विमोचन किया गया जिसमें “एफआई संवाद”, “एफआई समर्थ”, “कम्प्यूटर एक परिचय”, हिंदी ओलंपियाड पोस्टर, “आईसेक्ट सोसायटी रिपोर्ट 2024-25”, “फाइनेंशियल ब्रोशर”, “सफलता की कहानी बुकलेट” और “कौशल मंत्र” न्यूजलेटर शामिल रहे।