राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विश्वविद्यालय में क्रियांवयन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रसन्ना आर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी के सर्वागींण विकास को केंद्रित कर तैयार की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि व्यक्ति स्वावलंबी होकर नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण रहे। छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू की जा रही है। इस संबंध में शासन स्तर पर सभी तैयारियां की जा रही हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बेहतर क्रियांवयन हो और यह विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में आदर्श के रूप में स्थापित हो ऐसी मेरी अपेक्षा है।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के राज्य नोडल अधिकारी प्रोफेसर जी. ए. घनश्याम ने विषय “एनईपी 2020 के माध्यम से भारत को विकसित भारत के रूप में बदलना” पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षा के संस्कार को पैदा करना है। जिसमें भारतीय परंपरा, ज्ञान और कौशल के समावेश पर जोर दिया गया है। यह शिक्षा नीति हमारे देश को विकासशील से विकसित भारत की और ले जायेगी। वहीं विद्यार्थियों में कौशल का विकास करेगी, जिससे वह काम लेने वाले नहीं बल्कि काम देने वाले बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए वरदान है । इसमें कौशल, नैतिक मूल्य और स्वावलंबन पर विशेष जोर दिया गया है। इससे विद्यार्थियों में विविध ज्ञान का विस्तार होगा। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों में शिक्षा का एक नया परिदृश्य सामने रखती है।
कार्यशाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्य समूह के सदस्य सचिव प्रोफेसर डी. के. श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रेडिट व्यवस्था को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मल्टीपल एग्जिट और मल्टीपल एंट्री पर महत्व दिया गया है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के समग्र विकास को प्रोत्साहित करेगी। व्यावसायिक कौशल के साथ ही बहुभाषी शिक्षा और समग्र विकास पर जोर देकर विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों का संवर्धन करेगी, जिससे विद्यार्थी भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें। शिक्षा और पत्रकार का उद्देश्य ही नैतिक मूल्यों को संवर्धित करना है। जिसके लिए यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यशाला के संयोजक एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कार्यशाला प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रित कर पाठ्यक्रमों के संचालन पर बल दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रमों में प्रवेश की रूपरेखा तय की है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही प्रवेश सत्र-2024-25 के प्रवेश विवरणिका का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला में डॉ. देवाशीष मुखर्जी (प्राचार्य, महंत कॉलेज रायपुर), डॉ. रश्मि सिंह (प्राचार्य, पीजी कॉलेज, भानुप्रतापुर), प्रो. सुधीर शर्मा (विभागाध्यक्ष, कल्याण कॉलेज, भिलाई), डॉ, युगल किशोर राजपूत (प्राचार्य, अग्रसेन महाविद्यालय, रायपुर), विश्वविद्यालय अध्ययनशाला के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष श्री पंकज नयन पाण्डेय, जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मांडवी, समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेन्द्र शर्मा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र खंडेलवाल सहित प्रदेशभर के प्रतिभागी शामिल हुए।