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सैन फ्रांसिस्‍को फ्लाइट में पैसेंजर्स क्‍यों हुए परेशान? एयर इंडिया को DGCA का नोटिस, क्या मिलेगा हर्जाना?

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सैंन फ्रांसिस्‍को जाने वाली फ्लाइट AI-183 के लगभग 24 घंटे डिले होने के मामले में डायरेक्‍टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सख्‍त रुख अपनाया है. डीजीसीए ने विमान के एयर कं‍डीशन‍िंग की समस्‍या और यात्रियों की देखभाल में कोताही बरतने के आरोपों के तहत एयर इंडिया का नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का जवाब एयर इंडिया को तीन दिनों में देना है.

इतना पढ़ने के बाद आपके मान में भी दो सवाल जरूर उठे होंगे. पहला- क्‍या डीजीसीए की इन जांचों का कुछ होता है, या फिर सिर्फ खानापूर्ती कर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है. दूसरा- इस मामले में तो असल परेशानी यात्रियों को हुई है, ऐसे में उनको इस परेशानी के एवज में कुछ हर्जाना मिलेगा. तो चलिए आपको बताते हैं इन दोनों सवालों का जवाब और क्‍या कहते हैं इस मामले में डीजीसीए के नियम

तो पहले सवाल का जवाब है कि डीजीसीए इस तरह के किसी भी मामले को बेहद गंभीरता से लेता है. बीते पांच महीनों की बात करें तो डीजीसीए ने एयर इंडिया को न केवल तीन नोटिस जारी किए हैं, बल्कि संतोषजनक जवाब न देने पर करीब 2.20 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है. तो चलिए पहले आपको बताते हैं कि यह तीन मामले कौन से है और किस मामले में कितना जुर्माना डीजीसीए ने एयर इंडिया पर लगाया है.

5 महीन, 3 नोटिस और 2.2 करोड़ का जुर्माना
पहला मामला जनवरी 2024 का है. फ्लाइट्स में सुरक्षा नियमों के उल्‍लघंन के मामले में एयर इंडिया को नोटिस जारी किया था. यह उल्‍लघंटन बोइंग के B-777 एयरक्राफ्ट में आक्‍सीजन आपूर्ति से जुड़ा था. एयर इंडिया के जवाब से असंतुष्‍ट होने पर डीजीसीए ने 1.1 करोड़ रुपए का भारी भरकम जुर्माना एयरलाइंस पर लगाया था. वहीं, दूसरा मामला फरवरी 2024 का है और मुंबई एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग यात्री की मृत्‍यु से जुड़ा है.

दरअसल, इस मामले में 12 फरवरी को 80 वर्षीय एक बुजुर्ग एयर इंडिया की न्‍यूयार्क से आने वाली फ्लाइट से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे. बोर्डिंग गेट पर ह्वील चेयर नहीं मिलने पर वह पैदल ही चल पड़े. इमीग्रेशन एरिया पर पहुंचते ही वह गश खाकर गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मृत्‍यु हो गई. इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए डीजीसीए ने एयर इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जवाब से असंतुष्‍ट होने पर एयर इंडिया पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.

आंतरिक कमेटी निर्धारित करेगी जुर्माना
वहीं, तीसरा मामला मार्च 2024 का है. रेगुलेशन ऑफ फ्लाइट ड्यूटी लिमिट के उल्‍लघंटन मामले में डीजीसीए ने एयर इंडिया को नोटिस जारी किया था. एयर इंडिया अपने जवाब से डीजीसीए को संतुष्‍ट नहीं कर पाया. जिसके बाद, डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 80 लाख रुपए का भारी भरकम जुर्माना लगाया था. यह तो रहीं बीती बातें. अब बात करते हैं कि एयर इंडिया के इस मौजूदा मामले में क्‍या होगा?

डीजीसीए ने सैन फ्रांसिस्‍को की फ्लाइट के डिले और यात्रियों की हुई असुविधाओं को लेकर नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है. डीजीसीए यदि एयर इंडिया के जवाब से असंतुष्‍ट होता है तो एक बार फिर एयरलाइंस पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है. इस जुर्माने की राशि क्‍या होगी, यह डीजीसीए के आतंरिक कमेटी निर्धारित करेगी.

परेशान होने वाले यात्रियों को क्‍या मिलेगा…
अब बात करते हैं अपने दूसरे सवाल कि यदि एयर इंडिया पर जुर्माना लगता है तो यात्रियों को क्‍या मिलेगा? साथ ही, इस मामले में यात्रियों के हक को लेकर डीजीसीए के नियम क्‍या कहते हैं? तो इसका जवाब यह है कि डीजीसीए के सिविल एविएशन रगुलेशन के सेक्‍शन 3, सिरीज एम, पार्ट IV के प्रावधान किए गए हैं.

प्रावधान के तहत, यदि फ्लाइट 24 घंटे तक डिले है तो यात्रियों को एयरपोर्ट पर खाना और रिफ्रेशनमेंट उपलब्‍ध कराने की जिम्‍मेदारी एयरयलाइंस की होगी. वहीं फ्लाइट 24 घंटे से अधिक डिले है तो यात्री होटल में रुकने की व्‍यवस्‍था के हकदार होंगे. इसके अलावा, यात्रियों को एयरपोर्ट से होटल भेजने व वहां से लाने में आने वाला खर्च एयरलाइंस को वहन करना होगा.