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चुनाव के बाद कसेगी ई-कॉमर्स की नकेल, पहले 100 दिन के प्लान में ये एक्शन

देश में ई-कॉमर्स कंपनियों को लोकसभा चुनाव के बाद सख्ती का सामना करना पड़ सकता है. केंद्र सरकार ने नए कार्यकाल के लिए 100-डे वर्क प्लान की योजना में ई-कॉमर्स सेक्टर को भी शामिल किया है, जिसमें मुख्य जोर ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा ग्राहकों को बरगलाने के लिए अपनाई जाने वाली एक्टिविटीज पर रहने वाला है.

पहले 100 दिनों की योजना
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ग्राहकों को ई-कॉमर्स कंपनियों की बरगलाने वाली हरकतों से बचाने के लिए एक ऐप लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. इस ऐप को अगले 2 महीने में लॉन्च किया जा सकता है, क्योंकि सरकार ने इसे नए कार्यकाल के पहले 100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल किया है. बताया जा रहा है कि यह ऐप ई-कॉमर्स कंपनियों की उन डिसेप्टिव टेक्निक पर लगाम लगाएगा, जिन्हें डार्क पैटर्न के नाम से भी जाना जाता है.

इस तरह से होती है गड़बड़
कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि जब आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कोई सामान खरीद रहे होंगे तो आपको बताया जाता होगा कि अब एक या दो या चंद चुनिंदा यूनिट ही स्टॉक में हैं और स्टॉक समाप्त होने के बाद ऑफर नहीं मिलेगा. कई बार ई-कॉमर्स कंपनियां कुछ प्रोडक्ट पर सब्सक्रिप्शन के ऑप्शन पर एक्स्ट्रा डिस्काउंट ऑफर करती हैं, जो एक तरह से ट्रैप की तरह होता है. आपसे पेमेंट के डिटेल मांगे जाते हैं और बाद में आप चाह कर भी सब्सक्रिप्शन को कैंसिल नहीं कर पाते हैं.

ई-कॉमर्स के डार्क पैटर्न
ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा की जाने वाली ऐसी हरकतों को डिसेप्टिव टेक्निक या डार्क पैटर्न कहा जाता है. इसमें ग्राहकों को कोई फायदा नहीं होता है, लेकिन उन्हें स्टॉक कम दिखाकर सेंस ऑफ अर्जेंसी पैदा की जाती है और तुरंत खरीदारी के लिए परोक्ष रूप से बाध्य किया जाता है. ऐसे ही सब्सक्रिप्शन में अतिरिक्त डिस्काउंट का लोभ दिखाकर बिक्री कर ली जाती है. सरकार इन्हीं हरकतों पर लगाम लगाने की तैयारी में है.

सिर्फ करना होगा इतना काम
इनसे बचने के लिए यूजर को अपने मोबाइल में सिर्फ एक ऐप को डाउनलोड करना होगा. वह ऐप ई-कॉमर्स कंपनियों के डार्क पैटर्न यानी ग्राहकों को चूना लगाने वाली गतिविधियों की पहचान कर लेगा और यूजर को उसके बारे में अलर्ट कर देगा. यूजर उसके बाद ई-कॉमर्स कंपनी की संबंधित हरकम के खिलाफ कंज्युमर फोरम पर शिकायत भी दर्ज करा पाएगा.