मकान-दुकान आदि किराए पर देना हमारे देश में आम बात है. कई बार किराएदार मकान मालिक को किराया नहीं देता या फिर मकान खाली नहीं करता. किराए को लेकर उठा विवाद बहुत बार गंभीर रूप धारण कर लेता है और मामला मारपीट तक पहुंच जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि किराएदार से किराया वसूलने या फिर मकान खाली कराने के क्या कानूनी उपाय हैं?
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील, सुधीर सहारण का कहना है कि मकान मालिक को हमेशा अपना मकान किराये पर रेंट एग्रीमेंट करके ही देना चाहिए. लेकिन, बहुत से मामलों, खासकर छोटे शहरों में मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट बनवाते ही नहीं. किरायेदार से किराया वसूलने में मकान-मालिक और किराएदार के बीच हुआ रेंट एग्रीमेंट बहुत काम आता है. सहारण का कहना कहना है कि किरायेदार के किराया न देने पर झगड़ा करने की बजाय मकान मालिक को कानूनी विकल्पों का सहारा लेना चाहिए.
रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाएं
एडवोकेट सुधीर सहारण का कहना है कि रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाना चाहिए. इस दस्तावेज में ही किराये की राशि, देय तिथि और भुगतान न करने के परिणाम शामिल हैं. यह दस्तावेज़ ही मकान मालिक द्वारा की जाने वाली किसी भी कानूनी कार्रवाई का आधार होता है. इस सावधानी से बनवाएं और सभी शर्तों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें. किराया कब दिया जाएगा, सिक्योरिटी डिपॉजिट कितनी होगी और किराया न देने के क्या परिणाम होंगे, यह सब रेंट एग्रीमेंट में होना चाहिए
कोर्ट में करें केस
अगर किरायेदार कानूनी नोटिस देने के बाद भी किराया नहीं देता है, तो आप अदालत में केस दायर कर सकते हैं. शुरू में आपको निचली अदालत में ही केस दायर करना होगा. अगर आप किराया पाने के हकदार होंगे और आपने कांट्रेक्ट की सभी शर्तों को पूरा किया होगा तो कोर्ट आपके पक्ष में फैसला सुना देगी.