कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के बुधवार 24 अप्रैल को 2024 को बड़ी कार्रवाई के बाद गुरुवार 25 अप्रैल की तारीख कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरधारकों के लिए सबसे निराशाजनक रहा है. बाजार बंद होने पर कोटक बैंक का शेयर 10.85 फीसदी की गिरावट के साथ 1643 रुपये पर बंद हुआ है.
12% तक गिरा कोटक बैंक का स्टॉक
सुबह प्री-मार्केट में ही स्टॉक गिरा हुआ था और जब बाजार खुला तो पिछले क्लोजिंग प्राइस 1843 रुपये से 168 रुपये यानि 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ स्टॉक 1675 रुपये पर खुला. दिन के ट्रेडिंग के दौरान 12 फीसदी से ज्यादा नीचे जा लुढ़का और 1620 रुपये पर जा पहुंचा. बीते एक साल में कोटक महिंद्रा बैंक के स्टॉक का सबसे निचला लेवल है. स्टॉक में आई इस गिरावट के बाद कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट कैप 3.27 लाख करोड़ रुपये पर घटकर आ चुका है.
ब्रोकरेज हाउसेज ने घटाया टारगेट
आरबीआई की इस कार्रवाई ने ब्रोकरेज हाउसेज ने कोटक महिंद्रा बैंक के स्टॉक के टारगेट प्राइस को घटा दिया है. जेफ्फरीज ने निवेशकों के टारगेट प्राइस को 2050 रुपये से घटाकर 1970 रुपये करते हुए निवेशकों को स्टॉक को होल्ड करने की सलाह दी है. एमके ग्लोबल ने स्टॉक के टारगेट प्राइस को 1950 रुपये से घटाकर 1750 रुपये कर दिया है. सिटी ने न्यूट्रल स्टांस के साथ 2040 रुपये स्टॉक का टारगेट प्राइस बताते हुए कहा कि आरबीआई के कार्रवाई के चलते बैंक के ग्रोथ नेट इंटरेस्ट मार्जिन और फीस से इनकम पर असर पड़ेगा.
एक्सिस बैंक ने छोड़ा पीछे
कोटक महिंद्रा बैंक के स्टाक की हुई धुलाई के बाद एक्सिस बैंक कोटक बैंक को पीछे छोड़ते हुए मार्केट कैप के लिहाज से देश की चौथी सबसे बड़ी बैंक हो गई है. एक्सिस बैंक का मार्केट कैप 3,48,014 करोड़ रुपये रहा है जबकि कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट बाजार बंद होने पर 326,615 करोड़ रुपये रहा है.
आरबीआई की बड़ी कार्रवाई
बुघवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक को नए क्रेडिट कार्ड कस्टमर जोड़ने के साथ ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग चैनल्स के जरिए नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी. आरबीआई ने बताया कि 2022 और 2023 के लिए आईटी परीक्षण के दौरान बैंक में कई प्रकार की कमियां पाई गई थी. कोटक महिंद्रा बैंक तय समय के भीतर इन चिंताओं का निराकरण करने में विफल रहा था. इसी महीने 15 अप्रैल 2024 को बैंक की सर्विसेज ठप्प पड़ गई थी जिसके बाद आरबीआई को ये कार्रवाई करना पड़ा है.