ईपीएफओ ने फॉर्म 31 के पैरा 68J के तहत पैसा निकालने की सीमा को दोगुना बढ़ा दिया है. पहले यह रकम 50,000 रुपये थी अब इसे 1 लाख रुपये कर दिया गया है. ईपीएफओ का फॉर्म 31 आशिंक निकासी से जुड़ा फॉर्म है. इसका इस्तेमाल विभिन्न कार्यों के लिए समय से पहले पैसा निकालने संबंधी कामों के लिए किया जाता है. विभिन्न कार्यों को अलग-अलग पैरा में डाला गया है. इसमें शादी, घर बनाना, मकान खरीदना और ईलाज के लिए पैसे निकालने जैसे काम शामिल हैं.
फॉर्म 31 का पैरा 68J बीमारी के ईलाज के लिए आंशिक राशि निकालने के लिए दिया गया है. इसके तहत पहले 50,000 रुपये की निकासी की जा सकती थी लेकिन अब यह रकम बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाएगी. हालांकि, यहां एक बात याद रखने वाली है कि कर्मचारी 6 महीने का बेसिक और डीए या कर्मचारी का ब्याज समेत हिस्सा (जो भी कम हो) वह नहीं निकाल सकता है. इसका मतलब है कि इतनी रकम के ऊपर अगर 1 लाख रुपया और आपके पीएफ में है तभी आप उसे क्लेम कर पाएंगे.
क्या हुआ है बदलाव?
68J के तहत यह लिमिट बढ़ाई गई है. इसमें सब्सक्राइबर अपने या अपनी फैमिली के किसी सदस्य के ईलाज के लिए 1 लाख रुपये पीएफ खाते से समयपूर्व निकाल सकता है. इसकी घोषणा 16 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी कर की गई थी. अगर कोई इसका लाभ लेना चाहता है तो वह फॉर्म 31 भरकर जमा कर सकता है. लेकिन इस फॉर्म के साथ सर्टिफिकेट C जमा करना होगा जिसमें कर्मचारी और डॉक्टर दोनों के हस्ताक्षर जरूरी होंगे.
क्या है फॉर्म 31
जैसा कि हमने बताया कि फॉर्म 31 अलग-अलग कार्यों के लिए पीएफ से आंशिक निकासी को देखता है. इसके कई अलग-अलग क्लॉज हैं जिसके तहत विभिन्न कार्यों के लिए पैसा निकाला जाता है. उदाहरण के लिए पैरा 68B के तहत स्पेशल केस में लोन चुकाने के लिए पैसा निकाल सकते हैं. 68H के तहत स्पेशल केस में एडवांस के लिए पैसा निकाला जाता है. 68J के बारे में आप जान ही चुके हैं. इसी तरह 68BB, 68K, 68N और 68NN का इस्तेमाल बच्चों की पढ़ाई व शादी से लेकर रिटायरमेंट से पहले फंड निकालने तक के लिए किया जाता है.